इस पोस्ट का मुख्य उद्देश्य ‘Computer की बेसिक जानकारी’ आप तक पहुंचाना. सरल भाषा में कंप्यूटर के बारे में पूरी जानकारी खासकर students के लिए मददगार होगी.
तेजी से और सटीक calculation करने वाले उपकरणों की खोज ने मनुष्य को इस कंप्यूटर युग में ले आया है. यह मशीन अभी हमारे जीवन को और परिवेश को पूरी तरीके से बदल कर रख दिया है.
पिछले चार दशकों के दौरान, computers ने हमारे जीवन के लगभग सभी विषयों में क्रांति ला दी है. कंप्यूटर का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जा रहा है; व्यापार, उद्योग, वैज्ञानिक अनुसंधान, रक्षा, अंतरिक्ष, संचार, चिकित्सा, शिक्षा आदि.
कंप्यूटर की बेसिक जानकारी – Computer basics in Hindi
एक कंप्यूटर मूल रूप से data processing के लिए एक उपकरण है. Data को ऐसी जानकारी में परिवर्तित करना जो लोगों के लिए उपयोगी हो. किसी भी प्रकार का कंप्यूटर, program निर्देशों द्वारा नियंत्रित होता है, जो मशीन को बताता है कि उसे क्या करना है.
तो computer बेसिक जानकारी के अंदर आपको Computer क्या है, इसके components, कंप्यूटर की history जैसे fundamental जानकारी जानने को मिल जाएगी.
कंप्यूटर क्या है? (What is Computer in Hindi)
कंप्यूटर एक electronic उपकरण है, जो अपने user से data input लेता है, उसे process करता है और user द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार आवश्यक output प्रदान करता है.
“Computer” शब्द ‘Compute‘ शब्द से आया है, जिसका अर्थ है गणना (calculation) करना. इसलिए कंप्यूटर को आमतौर पर calculating device (गणना उपकरण) माना जाता है.
Defination के हिसाब से कंप्यूटर का जो व्यापक कार्यप्रणाली है, वह कुछ इस प्रकार से है.
- Input devices (Mouse, Keyboard आदि) कंप्यूटर को data और commands देते हैं.
- Data और commands को store करने के लिए Memory.
- Central Processing Unit (CPU) जो processing को नियंत्रित करता है.
- Monitor output के रूप में जानकारी को प्रदर्शित करता है.
INPUT —-> PROCESS —-> OUTPUT
कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है?
वैसे तो कंप्यूटर का कोई official फुल फॉर्म नहीं है, लेकिन इसका एक काल्पनिक फुल फॉर्म है.
C= Common, O= Oriented, M= Machine, P= Particularly, U= Used for, T= Technical and, E= Educational, R= Research
कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?
Charles Babbage को कंप्यूटर का जनक माना जाता है. क्योंकि इन्होंने Analytical Engine का आविष्कार सन 1833 में किया था, जो आधुनिक कंप्यूटर का आधार बना. इसलिए उन्हें Father of Computer भी कहा जाता है.
कंप्यूटर को हिन्दी में क्या कहते हैं?
Computer को हिन्दी में संगणक के नाम से जाना जाता है.
कंप्यूटर संगठन (Computer Organisation)
एक कंप्यूटर प्रणाली में मुख्य रूप से 4 बुनियादी units होती हैं; Input unit, Storage unit, Central Processing Unit और Output unit.
#1. Input Unit
इस unit का उपयोग processing के लिए user द्वारा कंप्यूटर सिस्टम में data और निर्देश दर्ज करने के लिए किया जाता है.
Input devices: Keyboards, mouse, टच स्क्रीन, Trackball, जॉयस्टिक, डिजिटल कैमरा, माइक्रोफोन, पेन, ऑप्टिकल स्कैनर, इत्यादि.
#2. Central Processing Unit
CPU एक कंप्यूटर का Brain है. सीपीयू को processor या microprocessor के रूप में भी जाना जाता है.
सीपीयू लगातार कंप्यूटर प्रोग्राम के निर्देशों का पालन करता है, जो बताता है कि किस data को प्रोसेस करना है और कैसे प्रोसेस करना है. कंप्यूटर का CPU कंप्यूटर पर चलने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से प्राप्त सभी निर्देशों का संचालन करता है.
CPU में निम्नलिखित 3 components होते हैं;
- Control Unit
- Arithmetic Logic Unit (ALU)
- Memory or storage unit
Arithmetic Logic Unit (ALU)
- यह unit सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सभी गणना करता है और निर्णय लेता है.
- Arithmetic section सभी गणितीय गणना जैसे कि जोड़, घटाव, गुणा और भाग करता है. यह section सभी जटिल गणनाओं को संभालता है.
- Logic section का उद्देश्य तार्किक गतिविधियों जैसे डेटा तुलना, संग्रह, मिलान और विलय करना है.
- यह कंप्यूटर के CPU के मूलभूत निर्माण खंड का प्रतिनिधित्व करता है.
Control Unit (CU)
- यह unit कंप्यूटर के सभी हिस्सों के संचालन को नियंत्रित करती है, लेकिन किसी भी वास्तविक data processing ऑपरेशन को execute नहीं करती है.
- कंप्यूटर की अन्य units के बीच data और निर्देशों के transfer को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है.
- यह मेमोरी से निर्देश प्राप्त करता है, उनकी व्याख्या करता है, और कंप्यूटर के संचालन को निर्देशित करता है.
- Data transfer के लिए Input/Output devices के साथ संचार करता है या storage से परिणाम प्राप्त करता है.
#3. Storage/ Memory Unit
यह unit का उपयोग processing से पहले और बाद में data और निर्देशों को store करने के लिए किया जाता है.
एक कंप्यूटर मेमोरी यूनिट वह स्टोरेज होती है जहां डेटा और इंस्ट्रक्शन तब जाता है जब कंप्यूटर में दर्ज किए गए डेटा को उसमें स्टोर किया जाता है और यह यूजर द्वारा वांछित आउटपुट फॉर्म को डिलीवर करता है, जिसे
मेमोरी की क्षमता को bite, kilobytes (KB), megabytes (MB) में मापा जाता है.
A) Primary Memory
प्राथमिक मेमोरी / Main Memory को RAM और ROM के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है.
1) RAM (Random Access Memory):
- Processor सीधे सभी मेमोरी address को access करता है और यह Volatile है.
- RAM एक ‘read and write’ मेमोरी है. इसका मतलब, हम इस मेमोरी में जानकारी store या write कर सकते हैं या बाद में इसे याद कर सकते हैं या इसे फिर से Read कर सकते हैं.
- Fastest memory होने की वजह से RAM महंगे होते हैं.
इसके दो भाग हैं: SRAM (Static RAM), DRAM (Dynamic RAM)
2) ROM (Read Only Memory):
- ROM को केवल processor द्वारा पढ़ा जा सकता है.
- नए data को ROM में नहीं लिखा जा सकता है. इसमें store किए जाने वाले data को manufacturing के दौरान ही लिखा जाता है.
- इसके data को बदलने की आवश्यकता नहीं होती है, जैसे कि booting sequence या गणितीय applications के लिए algorithmic tables.
- Slower होने के कारण यह RAM से सस्ता है.
- बिजली बंद होने पर भी यह अपना data बरकरार रखता है (Non-Volatile)
ROM कई प्रकारों में उपलब्ध है: PROM (Programmable ROM), EPROM (Erasable Programmable ROM), EEPROM (Electrically Erasable Programmable ROM)
B) Secondary Memory
यदि हमें स्थायी रूप से बड़ी मात्रा में data या प्रोग्राम store करने की आवश्यकता है, तो हमें एक सस्ती और स्थायी मेमोरी की आवश्यकता है. ऐसी मेमोरी को secondary memory कहा जाता है.
- यह non-volatile है, यानी जब बिजली बंद हो जाती है तो यह data को बरकरार रखता है.
- इसमें बड़ी मात्रा में data, audio, video और multimedia files को store कर सकते हैं.
- यह primary memory की तुलना में सस्ता है.
कंप्यूटर के लिए उपलब्ध कुछ secondary मेमोरी है; Hard disk drives (HDD), solid state drives (SSDs), Optical (CD or DVD) drives, Tape drives, etc.
#4. Output Unit
इस unit का उपयोग processing के बाद कंप्यूटर द्वारा उत्पादित output और जानकारी को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है.
Output devices: Monitor, printer, plotter, projector, speaker इत्यादि.
कंप्यूटर Hardware और Software
कंप्यूटर components को दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, hardware और software.
कंप्यूटर में जितने भी physical और tangible (यानी जिन्हें देख या स्पर्श किया जा सकता है) components है, वह hardware का part है. ये प्राथमिक electronic उपकरण हैं, जिनका उपयोग कंप्यूटर बनाने के लिए किया जाता है.
- Input devices – keyboard, mouse आदि
- Output devices – printer, monitor आदि
- storage devices – Hard disk, CD, DVD आदि
- Internal components – motherboard, RAM आदि
Software:
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एक program या निर्देशों की एक श्रृंखला है जो कंप्यूटर को विशिष्ट कार्यों या संचालन करने के लिए निर्देशित करता है. सॉफ्टवेयर विभिन्न कार्यों को करने के लिए hardware का उपयोग करते हैं.
Software दो प्रकार के होते हैं; System Software और Application Software
1) System Software
यह user, hardware, और application software को एक साथ सहभागिता और कार्य करने में मदद करता है. इस प्रकार के सॉफ़्टवेयर अन्य सॉफ़्टवेयर और applications को काम करने के लिए अनुमति देते हैं. जब आप पहली बार अपने कंप्यूटर को ON करते हैं, तो यह system software है जो सबसे पहले memory में load होता है.
Example: Operating System (Windows, Linux, DOS), Compilers, Interpreter, Assemblers आदि.
2) Application Software
एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर को अक्सर productivity programs या end-user programs कहा जाता है. क्योंकि वे users के कार्यों को पूरा करने में सक्षम होते हैं, जैसे कि documents बनाना, spreadsheets, databases बनाना, online research, email भेजना, ग्राफिक्स डिजाइन करना, व्यवसाय चलाना आदि.
Example: Microsoft Office, Photoshop, Skype, Browsers (Chrome, Firefox) आदि.
कंप्यूटर के प्रकार – Types of computer in Hindi
कंप्यूटर के आगमन के बाद से विभिन्न प्रकार और आकार के कंप्यूटर जो अलग-अलग सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं. कंप्यूटर के चार मूल प्रकार हैं:
- Microcomputer
- Minicomputer
- Mainframe Computer
- Supercomputer
1) Microcomputer
- व्यक्तिगत user के लिए डिज़ाइन किए गए छोटे, अपेक्षाकृत सस्ते कंप्यूटर को personal कंप्यूटर या micro कंप्यूटर कहा जाता है.
- Desktop कंप्यूटर, लैपटॉप, personal digital assistant (PDA), टैबलेट और स्मार्टफोन सभी प्रकार के microcomputers हैं.
- माइक्रो-कंप्यूटर विशेष रूप से मनोरंजन, शिक्षा और कार्य उद्देश्यों जैसे सामान्य उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.
- माइक्रो-कंप्यूटर के प्रसिद्ध निर्माता Dell, Apple, Lenovo, Samsung, Sony आदि हैं.
2) Minicomputer
- Minicomputers का उपयोग छोटे व्यवसायों और firms द्वारा किया जाता है. इससे “Midrange Computers” भी कहा जाता है.
- ये छोटी मशीनें हैं और इन्हें डिस्क पर समायोजित किया जा सकता है, जिसमें सुपर-कंप्यूटर और मेनफ्रेम के रूप में processing और data storage क्षमता नहीं है.
- उदाहरण के लिए, एक उत्पादन विभाग कुछ उत्पादन प्रक्रिया की निगरानी के लिए मिनी-कंप्यूटर का उपयोग कर सकता है.
- लोकप्रिय Minicomputers: K-202, टेक्सास इंस्ट्रूमेंट TI-990, SDS-92, IBM Midrange कंप्यूटर
3) Mainframe Computer
- मेनफ्रेम कंप्यूटर बहुत बड़े, शक्तिशाली, काफी महंगे हैं, और कई बड़ी firms और सरकारी संगठन अपने व्यवसाय के संचालन के लिए उपयोग करते हैं.
- बैंक, शैक्षणिक संस्थान और बीमा कंपनियां अपने ग्राहकों, छात्रों और बीमा पॉलिसी धारकों के बारे में data store करने के लिए mainframe computers का उपयोग करती हैं.
- Unisys और IBM mainframe के सबसे बड़े निर्माता हैं. Fujitsu’s ICL VME, Hitachi’s Z800 लोकप्रिय मेनफ्रेम कंप्यूटर हैं.
4) Supercomputer
- Performance और डेटा प्रोसेसिंग के मामले में सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर Supercomputers हैं.
- सुपर कंप्यूटर बहुत महंगे और आकार में बहुत बड़े हैं. इसे बड़े air-conditioned कमरों में समायोजित किया जाता है.
- Seymour Cray ने 1964 में पहला सुपर कंप्यूटर “CDC 6600” डिजाइन किया. वर्तमान में, चीन का “Tianhe – 2” दुनिया का सबसे तेज़ Supercomputer है.
- इन कंप्यूटरों का उपयोग अनुसंधान, अंतरिक्ष अन्वेषण, मौसम पूर्वानुमान, परमाणु हथियार परीक्षण, भूकंप अध्ययन के लिए किया जाता है.
कंप्यूटर का इतिहास – History of Computer in Hindi
Computer का विकास मनुष्य के लिए बेहतर और तेज से गिनने, लिखने और संवाद करने की निरंतर खोज की कहानी है. यहां हम कंप्यूटर से पहले कुछ महत्वपूर्ण खोज के बारे में बात करेंगे.
- Abacus पहला गणना करने वाला उपकरण था, जो 600 BC के आसपास चीनियों द्वारा आविष्कार किया गया था. इससे सरल addition और subtraction तेजी से किया जा सकता है.
- एक और मैनुअल गणना उपकरण Napier’s Bones था, जिसे John Napier ने डिजाइन किया था. इससे addition, subtraction, multiplication और division किया जा सकता था.
- Pascaline, जिसे 1642 में ‘Blaise Pascal’ द्वारा डिजाइन किया गया था, यह पहली यांत्रिक गणना मशीन थी. जिससे बार-बार additions और subtractions किया जा सकता था.
- बाद में 1671 में, जर्मनी के Baron Gottfried von Leibitz ने एक समान यांत्रिक calculator विकसित किया, जो गुणा और भाग भी कर सकता था.
- 1820 में, एक यांत्रिक calculator Thomas Arithmometer बनाया गया, इसे France के Charles Xavier Thomas ने विकसित किया था. इसमें data store करने की क्षमता थी.
- France के Joseph Jacquard ने एक Loom का आविष्कार किया जिसमें punch cards का उपयोग किया गया था. इन cards पर निर्देशों के क्रम को store क्या जाता था, जो कि वैचारिक रूप से आधुनिक कंप्यूटर program के समान है.
- वर्ष 1822 में, Charles Babbage ने एक यांत्रिक कंप्यूटर के एक कार्यशील मॉडल का विकास और प्रदर्शन किया, जिसे Difference Engine कहा जाता है. यह जटिल Algebraic समीकरण कर सकता था.
- 1833 में, Babbage अपने नए Analytic Engine के साथ सामने आए. यह प्रत्येक 50 दशमलव के 1000 नंबरों को store कर सकता था.
- इस इंजन की कई विशेषताएं थीं – गणना करने के लिए punched card, internal memory और एक arithmetic unit.
- पहला प्रोग्रामर (Programmer): Lady Ada Lovelace (1880).
- पहला Electronic कंप्यूटर: ENIAC (1946) – J.P. Eckert & J.W. Mauchly.
- आधुनिक कंप्यूटर के जनक – Alan Turing.
- कम्प्यूटर का बेसिक Architecture: John Von Neumann (1947-49).
- आम लोगों के लिए पहला कंप्यूटर पेश किया – IBM in 1981.
Generation of computers in Hindi
आजकल, कंप्यूटर का उपयोग सभी क्षेत्र में किया जा सकता है. लेकिन इस जटिल प्रणाली का विकास 1940 के आसपास कंप्यूटर की पहली पीढ़ी के साथ शुरू हुआ और तब से विकसित हो रहा है.
कंप्यूटर की पाँच पीढ़ियाँ (five generations) हैं.
First Generation: (1940-1956)
- Vacuum tubes को circuit में उपयोग किया जाता था.
- ये कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े थे.
- इसके लिए बड़ी मात्रा में बिजली की आवश्यकता होती थी और वे अधिक गर्मी पैदा करते थे.
उदाहरण: ENIAC, UNIVAC, EDVAC
Second generation (1956 – 1963)
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर vacuum tubes के बजाय ‘Transistor‘ पर आधारित थे.
- पहले पीढ़ी के तुलना में छोटे आकार के कंप्यूटर थे.
- ज्यादा तेज, सस्ते और कम गर्मी पैदा करते थे.
उदाहरण: Honeywell 400, IBM 7094, CDC 1604, CDC 3600
Third generation (1964 – 1971)
- ये कंप्यूटर Integrated circuits (IC) पर आधारित थे.
- IC का आविष्कार 1958-1959 में Robert Noyce और Jack Kilby द्वारा किया गया था.
- इसने कंप्यूटरों का आकार और भी कम कर दीया, साथ ही उन्हें तेज़ भी बनाता है.
उदाहरण: ICL 2900, IBM 360, IBM 370
Fourth generation (1971 – 1980)
- यह तकनीक Microprocessor पर आधारित है.
- माइक्रोप्रोसेसर के अंदर हजारों IC को एक Silicon chip मैं embedded किया गया.
- गणना में सबसे तेज और आकार कम हो जाता है.
- इस प्रकार के कंप्यूटरों में सभी प्रकार की high-level language का उपयोग किया जा सकता है.
Fifth generation (1981 to present)
- यह पीढ़ी artificial intelligence (AI) पर आधारित है.
- यह अधिक विश्वसनीय है और तेजी से काम करता है.
- कंप्यूटर बोले गए शब्दों को समझ सकता है और खुद से decision ले सकता है.
उदाहरण: iPhone पर Apple का Siri, Windows पर Microsoft का Cortana, Google Search Engine AI का भी उपयोग करता है.
Computer generation के बारे में डिटेल में जाने के लिए यहां पर क्लिक करें.
Computer की विशेषताएं (Characteristics)
कंप्यूटर सिर्फ एक मशीन नहीं है; यह complex गतिविधियाँ और operations को आसानी से करने में सक्षम हैं. निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं जो कंप्यूटर को इंसान से ज्यादा कुशलता पूर्वक प्रदर्शन करने में सक्षम बनाता है.
Speed:
- कंप्यूटर एक machine है, जो अविश्वसनीय गति data processing में सक्षम है.
यह कुछ ही सेकंड में काम कर सकता है, जो एक इंसान पूरे साल में नहीं कर सकता है. - कंप्यूटर प्रति second लाखों निर्देशों को process कर सकता है, बिना किसी गलती के. एक शक्तिशाली कंप्यूटर प्रति second लगभग 3 से 4 million सरल arithmetic operations करने में सक्षम है.
- कंप्यूटर की गति को milliseconds, microseconds, nanoseconds, तथा picoseconds (10-12) से नापा जाता है.
Accuracy:
- गति के अलावा, कंप्यूटर में उच्च सटीकता (High accuracy) है. यह GIGO (Garbage in Garbage Out) सिद्धांत पर कार्य करता है, जिसके द्वारा इसके परिणाम त्रुटि हीन (Error free) होते हैं.
- त्रुटियां कंप्यूटर में हो सकती हैं, लेकिन ये मुख्य रूप से technology कमजोरी के बजाय मानव के कारण हैं. कंप्यूटर में त्रुटियां मानव द्वारा programming और संचालन में त्रुटियों और गलत data के कारण होती हैं.
Versatility:
- कंप्यूटर एक बहुत बहुमुखी मशीन है. वे सरल गणनाओं से लेकर जटिल CAD modeling, मिसाइलों और उपग्रहों को navigate करने के simulation तक की गतिविधियाँ कर सकते हैं.
- यदि आप सही निर्देशों के साथ आवश्यक data input कर सकते हैं, तो कंप्यूटर प्रोसेसिंग करेगा. इसीलिए कंप्यूटर की उपस्थिति लगभग हर क्षेत्र में देखी जा सकती है; Railway reservation, Banks, Hotels, Weather forecasting और कई अन्य.
Storage Capability:
- एक कंप्यूटर बड़ी मात्रा में data store कर सकता है. इसमें एक मुख्य memory और सहायक memory हैं.
- कंप्यूटर में एक बार store होने बाली जानकारी को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता है और इसे लगभग तुरंत प्राप्त किया जा सकता है.
Reliability:
- कंप्यूटर द्वारा उत्पन्न output बहुत विश्वसनीय है. लेकिन यह सिर्फ तभी संभव है जब data और program के लिए दी जा रही input सही और विश्वसनीय हो.
Automation:
- एक बार कंप्यूटर में फीड की गई निर्देश किसी भी मानवीय हस्तक्षेप के बिना स्वचालित रूप से काम करते हैं, जब तक कि कार्यक्रम का निष्पादन पूरा न हो जाए.
कंप्यूटर के नुकसान (Disadvantages)
No IQ:
- कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जिसमें कोई भी कार्य करने के लिए कोई बुद्धिमत्ता नहीं है.
- प्रत्येक निर्देश कंप्यूटर को दिया जाना है.
- कंप्यूटर अपने आप कोई निर्णय नहीं ले सकता है.
निर्भरता:
यह उपयोगकर्ता के निर्देश के अनुसार कार्य करता है, इस प्रकार यह पूरी तरह से मनुष्यों पर निर्भर है.
No Feeling:
- कंप्यूटर की कोई भावना या emotions नहीं है.
- यह मनुष्य की तरह महसूस, स्वाद, अनुभव और ज्ञान के आधार पर निर्णय नहीं ले सकता है.
नौकरियां कम कर सकता है:
- कंप्यूटर ज्यादा दक्षता और तेजी से करने में सक्षम है, इसी वजह से job में भी गिरावट हो सकती है.
- जहां एक कार्यों को करने के लिए 5 लोगों की आवश्यकता होती थी ,अब वह एक ही आदमी कर सकता है.
Cyber Crimes:
कंप्यूटर के बढ़ते प्रयोग से आज बहुत सारे ऑनलाइन क्राइम जैसे धोखाधड़ी करना, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, intellectual property, privacy चोरी या गोपनीयता का उल्लंघन करना आदि बढ़ रही है.
कंप्यूटर के बारे में निष्कर्ष
यह post कंप्यूटर इतिहास, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर आदि के साथ-साथ कंप्यूटर के प्रकार और कैसे काम करता है जैसे मूलभूत अवधारणाओं की व्याख्या करता है. आशा करता हूं computer बेसिक जानकारी (computer ke bare me jankari) आप के लिए हेल्पफुल साबित होगी.
यह ट्यूटोरियल beginners के लिए तैयार किया गया है, जो कंप्यूटर ki basic jankari चाहते हैं. यदि आप कंप्यूटर से संबंधित कोई भी परीक्षा के लिए तैयार हो रहे हैं, तो यह पोस्ट से आपको बहुत फायदा मिलेगा.